Author: sctri48
A new theory proposes a weaker connection between depression and serotonin.
इंग्लैंड में किये गए नए रिसर्च के अनुसार पता चलता है कि depression /अवसाद एक अधिक जटिल मुद्दा हो सकता है, पर यह केवल सेरोटोनिन के असंतुलन से परिभाषित नहीं होता है। यह उपचार के पारंपरिक दृष्टिकोण को भी चुनौती देता है ,और अवसाद के प्रबंधन में नए रास्ते तलाशने की बात करता है। क्योंकि डिप्रेशन में ब्रेन में सेरोटोनिन की कोई कमी नही होती और उस पर antidepressant दवाओं के प्रयोग से नार्मल सेरोटोनिन का स्तर और भी बढ जाता है ,जो शरीर पर कई प्रकार के हानिकारक प्रभाव उत्पन्न कर सकता है .
धन्यवाद-Thank you
धन्यवाद-Thank you एक छोटा शब्द है ,लेकिन इसका अर्थ बहुत विशाल है। यह केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि आभार व्यक्त करने का सही तरीका है। जब हम किसी को धन्यवाद कहते हैं, तो हम उस व्यक्ति के द्वारा किए गए काम या उपहार के लिए अपना आभार व्यक्त करते हैं।
DANGERS OF PAN MASAALA AND GUTKHA.खतरे पान मशाला व गुटखा के।
पान मसाला और गुटका सिगरेट पीने से भी अधिक खतरनाक हैं, क्योंकि इनमें तम्बाकू के साथ साथ सुपारी, बुझा चूना, कत्था जैसे तत्वों का मिश्रण होता है, जो मुंह के कैंसर, मसूड़ों की बीमारी और ,Leucoplakia/ लयूकोप्लेकिया (कैंसर के पहले की अवस्था ) का कारक है। जो की अगर ध्यान न दिया गया तो पूरी तरह से कैंसर मे परिवर्तित हो जाता है । इसकेअलावा यह अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। जैसे हृदय रोग, गले व श्वसन की नली का कैसर Emphysema /दमा ,COPD,पाचन संबंधी समस्या, प्रजनन की समस्या ,मानसिक रोग ,आर्थिक और समाजिक समस्याओं को जन्म देता है।
आंत आपका दूसरा दिमाग है: स्वास्थ्य का नया रहस्य-Do you know, Intestine is your second brain?
आंत, जिसे “दूसरा मस्तिष्क” भी कहा जाता है, हमारे समग्र स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वस्थ गट माइक्रोबायोम पाचन, प्रतिरक्षा, मूड और वजन सहित कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।हम अपने आहार, जीवनशैली और आदतों में बदलाव करके अपने गट हेल्थ को बेहतर बना सकते हैं।गट हेल्थ हमारे समग्र स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्रोबायोटिक्स युक्त आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हम अपने गट माइक्रोबायोम को संतुलित रख सकते हैं और कई प्रकार से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
सच्ची खुशी आज है / Real happiness is today?
वास्तविक ख़ुशी कल नही ,आज में निहित है ,क्योंकि कल अनिश्चित है। क्या पता कल भूकंप आयेगा , सुनामी ,आएगी, तूफ़ान आयगा, कोई दुर्घटना हो जायेगी युद्ध हो जाएगा या फिर कोरोना जैसी कोई बिमारी आ जाएगी ,जो हमारा आना जाना सीमित कर देगी । अगर आप अपनी खुशियों को यह सोच कर टालते रहेंगे की कल जब हम अधिक समृद्ध हो जायेंगे तब एन्जॉय करेंगे .तो मेरे हिसाब से जीवन जीने का यह सही तरीका नही है। अभी खत्म हुआ कोरोना, रूस, यूक्रेन , इसराइल युद्ध और आज ताइवान में आए भूकंप के बारे में जरा सोचिए। क्या किसी ने सोचा था ।
खुसी की खोज 2-In search of happiness
यह कहा जा सकता है की ख़ुशी किसी एक चीज पर निर्रभर नहीं है . इसके कई कारक होते, यह लगभग 30-50 प्रतिशत तक हमारे अनुवांशिक ,प्रकृति-प्रदत्त गुणों जैसे हमारे जीन और दिमाग में स्त्रावित होने वाले नूरोट्रांसमीटर पर निर्भर होती है , शेष 50-70 प्रतिसत हमारे , सामाजिक ,आध्यत्मिक सामाजिक वातावरण से प्रभावित होती है .
खुशियों की खोज/In Search of happiness
खुशी सभी मनुष्यों का सर्वोच्च लक्ष्य है, इस लेख में मैं खुशी की प्रकृति का पता लगाने जा रहा हूं। क्या यह शुद्ध मानवीय भावना है ,या रासायनिक घटना है या आध्यात्मिक क्षेत्र से उत्पन्न होती है ?आखिर खुशी का समीकरण क्या है . चलिए आज आप और हम मिल कर खुशियों की खोज करते है
होली पर धोखेबाज़ शिव-बूटी/भांग/Cannabis
मित्रों, होली हम हिन्दुओ का रंग भरा त्योहार है । यह आपसी भाई चारे को बढ़ाने वाला भी है, पर साथ साथ स्वछंदता, हुडदंग और मस्ती का भी अवसर होता है । लोग खाते पीते ,हँसते ,गाते, नाचते और गरियाते भी है । इस अवसर पर लोगों की उछल-कूद देख कर लगता है कि डार्विन ने सही कहा था कि मनुष्य नाम के जीव की उत्पत्ति बानर जाती से ही हुई है।
Natural Therapy-प्राकृतिक चिकित्सा के विभिन्न आयाम
प्राकृतिक चिकित्सक केवल लक्षणों को कम करने के बजाय किसी बीमारी या असंतुलन के मूल कारण की पहचान करने और उसका इलाज करने का प्रयास करते हैं।
Spirituality and Religiosity आध्यात्मिकता और धार्मिकता क्या है ?
आध्यात्मिकता और धार्मिकता एक जैसे प्रतीत होते हैं पर वास्तव में एक हैं नहीं। धार्मिकता ,उस धर्म के संचालक या गुरु के द्वारा बनाए गए नियमों और निर्देशों से संचालित होते है. इनका स्वरूप बाहरी होता है, जैसे पूजा करने की विधि, परंपरा, रीति-रिवाज, प्रार्थना करने का तरीका आदि। इसके विपरीत आध्यात्मिकता का स्वरूप आन्तरिक होता है ,इसमे उच्च मानवीय गुणों दया ,करुणा ,अहिंसा और विश्व के समस्त मानव से प्रेम का समावेश होता है.