सच्ची खुशी आज है / Real happiness is today?

सच्ची खुशी आज है / Real happiness is today?-सबसे बड़ी बात ये है कि आप अपने जीवन मे आज अभी कितने खुश और संतुष्ट है । कुछ वर्ष बाद और पैसा और प्रसिद्धि मिल जाने पर जो खुशी आने वाली है, वह अनिश्चित है ,और बाद की बात है। आप को अभी इस समय तक जो चीजे या सम्मान मिला हुआ है, उसी मे खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए । यही वर्तमान मे जीना और सच्ची खुशी है ।

  • Table of content
  • 1-ध्यान दे और अपने से प्रश्न पूछें – Frequently ask these questions from yourself
  • 2-वर्तमान पर अपना ध्यान केंद्रित रखें:- Focus on your present life.
  • 3-अपनी खुशियों को टालने की आदत छोड़ें/Don’t postpone your happiness for tomorrow.
  • 4-अक्सर जीवन के सुनहरे अवसर यूँ ही बीत जाते है.-Many times we did not enjoy the golden moments of life.
  • 5: खुस होना एक कला/Art है/ मानसिकता है / Happiness is an art /a mindset .
  • 6-आपके पास अभी जितना है ,जो कुछ है उसी मे खुश रहना सच्ची खुशी है। Be happy with what you have
  • 7-बच्चों से सीखें Learn from children.
  • 8: अंतिम बात /Finally

1-ध्यान दे और अपने से प्रश्न पूछें – Frequently ask these questions from yourself

1- क्या आप प्रतिदिन ऐसे कार्यों मे व्यतीत करते है जिसमे आपको खुशी का अनुभव होता है या बहुत काम या फिर कोई आनंद नही आता ? 2- क्या आप यह जानतें है की ऐसी कौन सी चीज हो जाय तो आपको अधिक खुशी होगी ? 3-यदि अचानक आपकी मृत्यु हो जाए तो आज तक आप आपने जीवन के सबसे सुखद पल किसे मानेंगे ? इस प्रकार के प्रश्न से करना आवश्यक है । 2-वर्तमान पर अपना ध्यान केंद्रित रखें:- Focus on your present life. आज आप किस जगह पर है ,और जो बातें आपके जीवन मे घटित हो रही है । इस पर नजर बनाए रखेंगे तभी आप जान लेंगे और आगे आने वाले उस महत्वपूर्ण समय का भी आनंद ले सकेंगे । दूसरी बात Mindfulness -आप जो कुछ कर रहे है ,आपका ध्यान उसी पर होना चाहिए ताकि जो कार्य आप, कर रहे है उसका अनुभव भी आप पूरी समग्रता से कर सकें। जादातार लोग ,बिना पूरा ध्यान दिए काम करते चले जाते है । और बस इसी तरह किसी प्रकार अर्थहीन जीवन बिताते रहते है। 3-अपनी खुशियों को टालने की आदत छोड़ें/Don’t postpone your happiness for tomorrow. अक्सर हम अपने भविष्य के बारे मे सोचने मे इतने व्यस्त हो जाते है की जो चीज अभी और इस समय बीती जा रही है उस पर हमारा ध्यान बहुत काम या बस यूं ही रहता है । हम अपने कैरियर की तैयारी करते रहते है । सप्ताह के अंत मे छुट्टी आने की प्रतीक्षा करते है ।अपनी शादी की या फिर बच्चों की ,यदि नौकरी मे है तो रिटाइयरमेंट की और इस प्रकार अपने जीवन के समाप्ति की अग्रसर हो जाते है । 4-अक्सर जीवन के सुनहरे अवसर यूँ ही बीत जाते है.-Many times we did not enjoy the golden moments of life.

इस प्रकार भविष्य मे जीते रहने की ऐसी खराब आदत पद जाती है की हम वर्तमान को इन्जॉय नही कर पाते । इसिलिए जब वे सुनहरे अवसर ,जिनके सपने देखने मे ही हम अपना जादातर समय नष्ट करते रहते है । जब वे अवसर हमारे जीवन मे एकाएक आ भी जाते है,तो हमे समझ मे नहीं आता की हम इन क्षणों को कैसे enjoy करे। 5: खुस होना एक कला/Art है/ मानसिकता है / Happiness is an art /a mindset . वास्तव मे प्रसन्नता हमको किसी चीज के पा जाने से ही नही मिलती ,बल्कि यह ये मानसिकता है एक माइन्ड्सेट/ mindset । यह इस पर निर्भर करती है की हम जीवन का हर क्षण कैसे गुजार रहे है। अगर हम जीवन मे सभी चीज को नकारात्मक भावना /negativity से देखेंगे तो हमेशा हमे कमी ही महसूस होती रहेगी,चाहे कितनी बड़ी चीज मिल जाय। अगर हमारी भावना सकारात्मक / positive है तो हमे आधा गलास पानी भी सुख प्रदान करेगा । हम सोच कर खुश रहेगेकी हम बहुत लोगों से जादा खुश है। इसिलए कहा गया है, ” संतोषम परम सुखं “.

happy family

6-आपके पास अभी जितना है ,जो कुछ है उसी मे खुश रहना सच्ची खुशी है Be happy with what you have . अगर आज आप जिस हाल मे है और आपके पास जितना कुछ है उससे खुश नही है ,तो आप तब भी खुश नही हो पाएंगे ,जब आपको वे सारी चीजे मिल जाएंगी जिसे आप पाना चाह रहे थे। अ गर आपके पास इस समय पाँच सौ रूपए हैं, और आप उससे इन्जॉय करना नही जानते , तो जब आपको पाँच हजार या पाँच लाख भी मिल जाएंगे तो भी आप उसे इन्जॉय नही कर पाएंगे।

7-बच्चों से सीखें Learn from children बच्चे भूत ,भविष्य से बेखबर होकर वर्तमान मे जीते है । भविष्य के बारे मे बहुत जादा सोच कर अपना समय बर्बाद नही करना चाहिए । जीवन का सही मायने मे आनंद लेने के लिए ,और सच्ची खुश प्राप्त करने का संमय यही है। आप वर्तमान को पूरी तरह इन्जॉय करें, चाहे जीवन मे कितनी भी कमिया क्यों न हो।

happy children at Holi

8: अंतिम बात /Finally

वास्तविक ख़ुशी कल नही ,आज में निहित है ,क्योंकि कल अनिश्चित है। क्या पता कल भूकंप आयेगा , सुनामी ,आएगी, तूफ़ान आयगा, कोई दुर्घटना हो जायेगी युद्ध हो जाएगा या फिर कोरोना जैसी कोई बिमारी आ जाएगी ,जो हमारा आना जाना सीमित कर देगी । अगर आप अपनी खुशियों को यह सोच कर टालते रहेंगे की कल जब हम अधिक समृद्ध हो जायेंगे तब एन्जॉय करेंगे .तो मेरे हिसाब से जीवन जीने का यह सही तरीका नही है। अभी खत्म हुआ कोरोना, रूस, यूक्रेन , इसराइल युद्ध और आज ताइवान में आए भूकंप के बारे में जरा सोचिए। क्या किसी ने सोचा था । कल की अनिशचित ख़ुशी के लिये आज की निश्चित खुसी को न एन्जॉय करना ,मतलब आज की ख़ुशी को खोना है। मेरा मतलब निराशावादी होना नही है ,बल्कि वास्तविकता को समझना और जीवन के हर एक दिन का पूरा आनंद लेकर जीना है। सतीश त्रिपाठी sctri48

Author: sctri48
मैं डाक्टर हूं ,रेडियोलॉजिस्ट। Mera hindi me blog में मेरी रुचि ब्लाग व रिव्यू लिखने में है। मैं मुख्य रूप से यात्रा ,स्वास्थ्य,जीवन ,शैली मोटिवेशन और विविध विषयों पर लिखता हू। मैं ट्रिपएडवाइजर, गूगल मैप कोरा फोरम पर भी लिखता रहता हू। इसके अलावा गाने में भी मेरी रुचि है। इसके अलावा मैं अंग्रेजी में भी लिखता हूं । My websites are www.travelprolife.com and www.blogsatish.com।

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