गठिया या सन्धिवात क्या है ?

गठिआ या सन्धिवात क्या है ?

जोड़ों को प्रभावित करने वाली आम समस्या

  • विषयों की सूची
  • 1-गठिया क्या है ?
  • 2-गठिया के कारण:
  • ;3-गठिआ के लक्षण
  • 4-गठिआ के मुख्य प्रकार
    • 4 .1 -आस्टिओआर्थइटिस
    • 4 .2 रूमेटॉयड आर्थराइटिस
    • 4 .3-सोरिओटिक आर्थराइटिस
    • 4.4-गाउटी आर्थराइटिस
    • 5 -सारांश

गठिया जोड़ों में सूजन और जकड़न पैदा करने वाली एक आम समस्या है। यह दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है, जिससे जोड़ों में दर्द और अकड़न होता है और गतिशीलता कम हो जाती है।आमतौर पर गठिया को बुढ़ापे का रोग जाना जाता है, पर वास्तव में यह किसी भी आयु वर्ग के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है. इसमें बच्चे और जवान भी शामिल हैं। इस लेख में हम यह समझने का प्रयास करेंगे की गठिया क्या है? और यह किन कारणों से होता है?

1-गठिया क्या है ?

गठिया कोई एक बीमारी नहीं बल्कि यह जोड़ो की बीमारियों का एक समूह है। इस शब्द है जिसके अंतर्गत 200 विभिन्न प्रकार के जोड़ विकार शामिल होते हैं। सबसे आम प्रकारों में पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस, रुमेटाइड आर्थराइटिस, सोरायटिक गठिया और गाउट शामिल हैं। हम इस लेख में उन्ही के बारे में चर्चा करेंगे।

2-गठिया के कारण:

गठिया के कारण ,इसके प्रकार के अनुसार भिन्न भिन्न होते हैं। पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस अक्सर समय के साथ जोड़ों पर टूट-फूट के कारण होता है, जबकि रुमेटाइड आर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है जहां प्रतिरक्षा प्रणाली जोड़ों पर हमला करती है। आनुवंशिकी, जीवनशैली, संक्रमण और चोट जैसे अन्य कारक भी गठिया के विकास में योगदान कर सकते हैं।

;3-गठिआ के लक्षण: गठिया के सामान्य लक्षणों में जोड़ों में दर्द, सूजन, जकड़न, लालिमा और गति की सीमा कम होना शामिल है। लक्षणों की गंभीरता हल्के से लेकर अत्यधिक दुर्बल करने वाली तक हो सकती है, जो प्रभावित व्यक्तियों के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती है। 4-गठिआ के मुख्य प्रकार

4 .1 –आस्टिओआर्थइटिस – इसे wear and tear या टूट-फूट की गठिया कहते है। य तब होता है जब हड्डियों के बीच में स्थित कार्टीलेज, उपयोग के साथ टूट फूट या घिसने लगता है। यह कारटिलेज एक सुरक्षित कुशन या शॉ-अबजर्बर की तरह काम करता है। यह शरीर के किसी भी जोड़ में हो सकता है, लेकिन सबसे कामन जोड़ -अंगूठे का मेटाकरपल जोड़ -गर्दन की vertebra में – घुटने के जोड़ में – नितम्ब में – रीढ़ की डोर्सल और लंबर vertebra में ,कलाई में होता है। आस्टियोआर्थराइटिस के ग्रेड /चरण . एक्सरे के इमेज आधार पर इसे चार ग्रेड में बांटे गए है। ग्रेड 1– Early इसमे जोड़ो के बीच की दूरी बहुत थोड़ी सी कम होती है पर कोई स्पर नही होता। एक्सरे अक्सर नार्मल आता है या थोड़ा सा जॉइंट स्पेस कम हो जाता है।

ग्रेड 2-Mild इसमे जॉइंट स्पेस निशचित रूप से घट जाता ग्रेड़ 3 Moderate – इसमे जॉइंट स्पेस काफी घट जाती है .हड्डियों के मार्जिन पर ओस्टोस्क्लेरोसिस / कडापन और जोइन्ट की डेफोर्मिटी हो जाती है।

ग्रेड 4-जॉइंट स्पेस बिलकुल ख़त्म हो जाता और जोड़ की हड्डियां लगभग सट जाती है। हड्डियों के किनारे पर बड़े स्पर बन जाते है और टेढापन आ जाता है। यह वही अवस्था है जिसमे घुटने में कार्टीलेज बिलकुल समाप्त हो जाता है ,चलने में .बहुत दर्द होता हैऔर चाल भी विकृत हो जाती है .इसमें अस्थि रोग विसेशग्य घुटना बदलने की राय देते है

4 .2 रूमेटॉयड आर्थराइटिस – इसके भी चार ग्रेड होते है १-प्रारंभिक २- ,मोडरेट ३- सिव्यर / बहुत जादा फिर अंत में 4 th ग्रेड – में एंड स्टेज यानि जोड़ पूरी तरह से नष्ट हो जाता है, टेढापन और विकृत आ जाती है। यह एकऑटो इम्मुन की बिमारी है . इसमे शरीर की इम्युनिटी ही रक्षक से भक्षक की भूमिका में आ जाती है ,और जोड़ो को खाने लगती है। इसके साथ साथ इसमे आँखों में भी खराबी आ जाती है रेटिनाइटिस , दर्द होता है और धुन्धला दिखाई देता है।

.3-सोरिओटिक आर्थराइटिस – इसमें सोरिओसिस और गठिया दोनों बीमारिया एक साथ होती है. इसमें जोड़ो में सूजन के साथ साथ स्किन पर चकत्ते और सूजन भी हो जाता है। वास्तव में यह भी एक ऑटोइम्म्युन डिजीज है।क्योंकि इसमें भी कुछ कारणों से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की कार्यपद्धति में बदलाव आ जाता है। वह रोगो से प्रतिरोध करने की जगह स्वयं बिमारी उत्पन्न करने लगती है। इसके कारण शरीर के कई जोड़ों में एक साथ सूजन दर्द व् अकड़न शुरू हो जाती है गले में भी सूजन व् दर्द होने लगता है।

4.4-गाउटी आर्थराइटिस यह लगभग सबसे जादा दर्द देने वाली गठिया की बीमारी होती है। इसमे शरीर में urik एसिड की मात्रा काफी बढ जाती है ,जिससे इसके क्रिस्टल बन जाते है और यह जोड़ो में जमा होने लगता है .इससे जोड़ नस्ट होने लगते है . इससे जोड़ो विसेस्तः अंगूठे में क्रिस्टल जमा हो जाते है ,जिससे उस स्थान पर सूजन और भयंकर दर्द होता है। यह दर्द अक्सर रात में होता है और यह अचानक होता है, जिसे गाउट-अटैक कहते है। गाउट आमतौर पर बड़े पैर की अंगुली में होता है,लेकिन यह किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकता है। टखने, घुटने, कोहनी, कलाई और उंगलियां अन्य जोड़ों में से हैं ,जो आमतौर पर पीड़ित होते हैं। दर्द शुरू होने के बाद पहले चार से बारह घंटों के दौरान स्थिति सबसे अधिक गंभीर होने की संभावना होती है .

5 – सारांश -गठिया या सन्धिवात कोई एक रोग नही है बल्कि बल्कि जोड़ों के रोगों का एक समूह है। जिससे जोड़ों में दर्द और अकड़न होता है और गतिशीलता कम हो जाती है।आमतौर पर गठिया को बुढ़ापे का रोग जाना जाता है, पर वास्तव में यह किसी भी आयु वर्ग के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है। अगली कड़ी में ——————————– गठिया से बचाव व् उपचार सतीश त्रिपाठी sctri 48

Author: sctri48
मैं डाक्टर हूं ,रेडियोलॉजिस्ट। Mera hindi me blog में मेरी रुचि ब्लाग व रिव्यू लिखने में है। मैं मुख्य रूप से यात्रा ,स्वास्थ्य,जीवन ,शैली मोटिवेशन और विविध विषयों पर लिखता हू। मैं ट्रिपएडवाइजर, गूगल मैप कोरा फोरम पर भी लिखता रहता हू। इसके अलावा गाने में भी मेरी रुचि है। इसके अलावा मैं अंग्रेजी में भी लिखता हूं । My websites are www.travelprolife.com and www.blogsatish.com।

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