आंत आपका दूसरा दिमाग है: स्वास्थ्य का नया रहस्य -Do you know Intestine is your second brain?
आंत आपका दूसरा दिमाग है: स्वास्थ्य का नया रहस्य- Do you know, Intestine is your second brain?- हमारे शरीर में कई अद्भुत अंग होते हैं, जिनमें से कुछ को हम “दूसरा मस्तिष्क” भी कहते हैं। जी हां, आपने सही पढ़ा! मस्तिष्क के अलावा, हमारे पेट को भी “दूसरा मस्तिष्क” कहा जाता है।
यह अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है। हमारे पेट में अरबों की संख्या में सूक्ष्मजीव होते हैं, जिन्हें “गट माइक्रोबायोम” (Gut Microbiome) कहा जाता है। ये सूक्ष्मजीव न केवल भोजन को पचाने और पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करते हैं, बल्कि वे हमारे मूड, नींद, प्रतिरक्षा प्रणाली और यहां तक कि वजन को भी प्रभावित करते हैं।
- Table of Contents
- 1-आंत और मस्तिष्क का क्या कनेक्सन है .? Connection between gut and Brain.
- 2-माइक्रोबायोम और मस्तिष्क का सम्बन्ध क्या है ? Relation of Microbiome with Brain.
- 3-Gut Feeling /आंत की भावना भी gut-brain-axis के कारण आती है ।
- 4-गट माइक्रोबायोम कैसे काम करता है ? How gut Microbiome works ?
- 5-गट हेल्थ क्यों महत्वपूर्ण है? Why gut health is so important ?
- 6-एंटीबायोटिक्स और जंक फ़ूड का प्रभाव- Effect of Antibiotics and Junk food on gut.
- 7-प्रोबायोटिक्स क्या हैं?What is Probiotics ?
- 8-प्रोबायोटिक्स के लाभ-Benefits of probiotics
- 9-हम गट हेल्थ को कैसे बेहतर बना सकते है ? How to optimize gut health ?
- 10-अंतिम बात -Final Comment
1-आंत और मस्तिष्क का क्या कनेक्सन है .? Connection between gut and Brain आंत और मस्तिष्क एक दूसरे से घनिष्ट रूप से जुड़े हुए है और यदि इसमे से कोई भी बीमार या अस्वस्थ है ,तो दूसरा भी उससे प्रभावित होता है ।आंत सेरोटीन नामक न्यूरो केमिकल के निर्माण में सहायक होता है। यह हमारे दिमाग और मूड को प्रभावित कर हमको प्रसन्न रखता है ।.क्योंकि यह ब्रेन का फील-गुड केमिकल होता है । सेरोटोनिन का प्रीकर्सर ,tryptophan होता है ,जो आंत में प्राप्त भोजन जैसे दूध ,केला, कुकीस आदि के पाचन द्वारा ही अवशोषित होता है । इसके विपरीत यदि तनाव और कुछ अन्य मानसिक स्थितियों में आंत से tryptophan नही अवशोषित होता , जिससे अवसाद व अन्य मानसिक समस्या उत्पन्न होती है।
2-माइक्रोबायोम और मस्तिष्क का सम्बन्ध क्या है ? Relation of Microbiome with Brain
आंत के विभिन्न भागो, में सूक्ष्म जीवों और ,बैक्टेरिया के कई प्रकार के समूह पनपते रहते है ,जो हमारे स्वास्थय के लिए लाभदायक होते है । इन्हें हम माईक्रोबओम कहते है । ये आंत के दुसरे मस्तिष्क के कार्य पाचन और रोगों से बचाव में महत्वपूर्ण भुमिका निभाते है । ये मस्तिष्क के संज्ञानात्मक कार्य के साथ साथ , स्वस्थ्य के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करते है ।
3-Gut Feeling /आंत की भावना भी Gut-brain-axis के कारण आती है ।
Gut-feelings भी हमारे आंत और मस्तिष्क के संबंध को ही पुष्ट करती है। अक्सर हम किसी समस्या और व्यक्ति के बारे मे सोचते रहते है ,पर सही उत्तर नही समझ पाते है । एक द्विविधा की स्थिति रहती है। ऐसे मे कभी कभी एकाएक उसका समाधान अवचेतन मन से होता हुआ ,हमारे चेतन मन मे आ जाता है । इसके बारे मे हम कोई तर्क नही दे पाते । बस यही कहते है की ऐसा तो मैंने कभी सोचा ही नही था । यही गट-फीलिंग है ।
4-गट माइक्रोबायोम कैसे काम करता है ? How gut Microbiome works ?
गट माइक्रोबायोम में विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीव होते हैं, जिनमें अच्छे और बुरे दोनों तरह के बैक्टीरिया शामिल हैं। अच्छे बैक्टीरिया पाचन में मदद करते हैं और हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ते हैं तथा ये विटामिन का उत्पादन भी करते हैं । वहीं, बुरे बैक्टीरिया सूजन, संक्रमण और बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
5-गट हेल्थ क्यों महत्वपूर्ण है? Why gut health is so important ?
स्वस्थ आंत / gut के microbiome हमारे सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। यह हमें कई प्रकार से स्वस्थ्य लाभ प्रदान करता है। जैसे
- बेहतर पाचन: अच्छे बैक्टीरिया भोजन को पचाने और पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करते हैं, जिससे हमें ऊर्जा मिलती है और पाचन संबंधी समस्याएं कम होती हैं।
- मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली: गट माइक्रोबायोम हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है और हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में मदद करता है।
- बेहतर मूड: गट माइक्रोबायोम हमारे मस्तिष्क के साथ संचार करता है और मूड, नींद और तनाव के स्तर को प्रभावित करता है।
- स्वस्थ वजन: अध्ययनों से पता चला है कि गट माइक्रोबायोम वजन प्रबंधन में भी भूमिका निभाता है।
6-एंटीबायोटिक्स और जंक फ़ूड का प्रभाव- Effect of Antibiotics and Junk food on gut.
हममें से बहुत से लोग जो बहुत साफ-सुथरे वातावरण में पले-बढ़े हैं, अक्सर एंटीबायोटिक्स लेते हैं और जंक फूड खाते हैं। उनमें निश्चित रूप से अस्वस्थ माइक्रोबायोम होते है। दूसरा एंटीबायोटिक का प्रयोग हम अक्सर शरीर के किसी भाग में इन्फेक्सन होने पर करते है । इससे उस इन्फेक्सन के साथ साथ आंत के लाभदायक बैक्टेरिया भी मर जाते है, जिससे आंत का संतुलन गड़बड़ हो जाता ,जिससे दस्त या कब्जियत हो जाती है ।पाचन सम्बन्धी समस्या उत्पन्न हो जाती है ।.इसीलिए चिकित्सक अक्सर इसके साथ कृतिम bacteria , sporolac या vizylac भी प्रेस्क्राइब करते है ।
7-प्रोबायोटिक्स क्या हैं?What is Probiotics ?
प्रोबायोटिक्स जीवित सूक्ष्मजीव हैं, जो गट स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। ये प्राकृतिक रूप से कुछ खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं, जैसे दही, किमची और मिसो, या सप्लीमेंट के रूप में लिए जा सकते हैं।
8-प्रोबायोटिक्स के लाभ-Benefits of probiotics
- पाचन में सुधार
- कब्ज से राहत
- दस्त की रोकथाम
- प्रतिरक्षा प्रणाली .Immune system को मजबूत करना
- एलर्जी और सूजन को कम करना
- वजन प्रबंधन में सहायता
- मूड और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार
9-हम गट हेल्थ को कैसे बेहतर बना सकते है ? How to optimize gut health ?
हम अपने गट हेल्थ को कई तरीकों से बेहतर बना सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- प्रोबायोटिक्स युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें: दही, किमची, मिसो, सॉकरकूट, टेम्पेह
- प्रीबायोटिक्स से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं: फल, सब्जियां, साबुत अनाज
- शक्कर और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- तनाव कम करें
- पर्याप्त नींद लें
10-अंतिम बात -Final Comment
आंत, जिसे “दूसरा मस्तिष्क” भी कहा जाता है, हमारे समग्र स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वस्थ गट माइक्रोबायोम पाचन, प्रतिरक्षा/Immunity मूड और वजन सहित कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।हम अपने आहार, जीवनशैली और आदतों में बदलाव करके अपने गट हेल्थ को बेहतर बना सकते हैं।गट हेल्थ हमारे समग्र स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्रोबायोटिक्स युक्त आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हम अपने गट माइक्रोबायोम को संतुलित रख सकते हैं और कई प्रकार से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सतीश त्रिपाठी sctri48