Swaasthya ka bahuaayami dristikonस्वास्थ्य का बहुआयामी दृष्टिकोण। – विश्व स्वास्थ्य संगठन / WHO की परिभाषा के अनुसार Health is not only the absense of diseases and affirmity ,but a state of physical ,mental and social wellbeing ” अर्थात ,स्वास्थ्य शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की अवधारणाओं का एक समग्र रूप है, न कि केवल बीमारी या दुर्बलता की अनुपस्थिति है ।
- टेबल ऑफ कॉन्टेन्ट /Table of content
- 1-स्वास्थ्य के आयाम
- 2-शारीरिक स्वास्थय
- 3-मानसिक स्वास्थय
- 4-सामाजिक स्वास्थय
- 5-पर्यावरणीय स्वास्थय
- 6-आध्यात्मिक स्वास्थय
- 7 स्वास्थय की समस्यायें
- 8- अछे स्वास्थय की प्लैनिंग–व्यायाम, योग ध्यान
- 9-निस्कर्ष
आयुर्वेद के अनुसार – स्वास्थ्य को तीन दोषों ,वात ,कफ और पित्त के बीच संतुलन के रूप में देखा जाता है । जब ये सभी दोष संतुलन में होते हैं, तो व्यक्ति को स्वस्थ माना जाता है। और जब इनमे असंतुलन होता है, तो यह विभिन्न बीमारियों को जन्म दे सकता है। आयुर्वेद चिकित्सक संतुलन बहाल करने और सम्पूर्ण स्वास्थ्य / Holistic health को बढ़ावा देने के लिए हर्बल उपचार, आहार संबंधी सिफारिशों और अपने जीवनशैली में बदलाव का सुझाव देते है.।
1-स्वास्थ्य के आयाम– स्वास्थ्य केवल एक नहीं बल्कि बहु-आयामी दृष्टिकोण है। सबसे पहले, शारीरिक कल्याण नींव बनाता है। यह मूलतः नियमित व्यायाम करना ,पौष्टिक खाद्य पदार्थों के सेवन करना दर्शाता है ।और प्रीवेनटिव रूप से यह स्वास्थ्य के देखभाल के उपायों को अपनाना है, जो की स्वस्थ शरीर को बनाए रखने में महत्वपूर्ण हैं। मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जितना कि शारीरिक। इसमे कई घटक होते है, पर मुख्यतः तनाव का प्रबंधन और अवसाद का नियंत्रण मूलभूत उपादान है । इस प्रकार स्वास्थ्य में विभिन्न आयाम शामिल हैं जो निम्न है।
- 2-शारीरिक स्वास्थ्य: यह शरीर के सिस्टम और अंगों के समुचित कार्य को संदर्भित करता है, जिसमें बीमारी, चोट या विकलांगता की अनुपस्थिति शामिल है। इसमें उचित पोषण, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और हानिकारक पदार्थों से बचने के माध्यम से एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखना शामिल है।
- 3–मानसिक स्वास्थ्य: इसमें भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक कल्याण शामिल है, जिसमें तनाव का प्रबंधन करने, चुनौतियों का सामना करने, सकारात्मक संबंध बनाए रखने और जीवन का आनंद लेने की क्षमता शामिल है। समग्र कल्याण और उत्पादकता के लिए अच्छा मानसिक स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है।
- 4-सामाजिक स्वास्थ्य: स्वास्थ्य का यह पहलू दूसरों के साथ एक व्यक्ति के संबंधों और समुदाय में उनकी भागीदारी पर केंद्रित है। इसमें सहायक सामाजिक नेटवर्क, दूसरों के साथ सकारात्मक बातचीत और अपनेपन की भावना शामिल है।
- 5-पर्यावरणीय स्वास्थ्य: यह उस भौतिक वातावरण की गुणवत्ता को संदर्भित करता है जिसमें व्यक्ति रहते हैं, जिसमें हवा और पानी की गुणवत्ता, स्वच्छता, आवास की स्थिति और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच जैसे कारक शामिल हैं।
- 6-आध्यात्मिक स्वास्थ्य: इस आयाम में एक व्यक्ति के विश्वास, मूल्य और जीवन में उद्देश्य की भावना शामिल है। इसमें धार्मिक प्रथाएं, ध्यान, या आध्यात्मिक पूर्ति के अन्य रूप शामिल हो सकते हैं।
- 7-स्वास्थ्य की समस्याए -हमारे इस दौड़-भाग के जीवन में, कई चुनौतियां होती है , जो हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न करती हैं। आरामदायक यानि सेडेन्टरी जीवनचर्या और अस्वास्थ्यकर खान-पान के कारण मधुमेह, मोटापा और उच्च रक्तचाप जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। । इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच और सामर्थ्य में असमानता इस मुद्दे को और गंभीर बनाती है, जिससे कई लोगों बिना पर्याप्त चिकित्सा या देखभाल के रह जाते है।
- 8-अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्लानिंग अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखना एक चुनौती है ,इसके बावजूद, हमें अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए सक्रिय कदम उठा सकते हैं। जैसे पौष्टिक खान पान की आदत। नियमित शारीरिक गतिविधि वाली संतुलित जीवन शैली को अपनाना।यह सब स्वास्थ्य के रखरखाव का आधार बनाता है। –योग और ध्यान इसके माध्यम से मानसिक रेलैक्ससेसन पैदा होता है। यह हमारे तनावऔर अवसाद को घटा कर हमे समग्र स्वास्थ्य को स्थापित करने मे सहायक होता है। 9-निष्कर्ष: एक संपूर्ण /हॉलिस्टिक हेल्थ की खोज में, स्वास्थ्य की बहआयामी द्रीस्टी के लिए यह एक मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में उभरता है। इसकी इसी बहुआयामी प्रकृति को जानकर और इससे जुड़ी चुनौतियों को दूर करके, हम एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकते हैं। आइए हम अपने स्वास्थ्य को पहली प्राथमिकता देने का संकल्प लें, न केवल एक आकांक्षा के रूप में, बल्कि समग्र स्वास्थ्य की दिशा में। सतीश त्रिपाठी sctri48