ट्रांस फैट: स्वास्थ्य के लिए हुईखतरा, बचाव ज़रूरी!

ट्रांस फैट: स्वास्थ्य के लिए कितना खतरा, बचाव ज़रूरी!

दोस्तों, आज हम बात करेंगे ट्रांस फैट के बारे में। यह एक प्रकार का वसा है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। हम जाने अनजाने इसका प्रयोग खाने के जादातार कर रहे हैं.

  • Table of Contents
  • 1-क्या है ट्रांस फैट?
  • 2ट्रांस फैट क्यों है हानिकारक?
  • 3ट्रांस फैट कहाँ पाए जाते हैं?
  • 4-ट्रांस फैट की मात्रा की पहचान कैसे करें?
  • 5ट्रांस फैट के विकल्प क्या है ?
  • 6-विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और FSSAI
  • 7चिकित्सक और आहार विसेशग्य से भी सलाह लें.
  • 8ट्रांस फैट से बचाव कैसे करें?
  • 9-अंतिम बात

1-क्या है ट्रांस फैट?

ट्रांस फैट दो प्रकार के होते हैं:

  1. प्राकृतिक ट्रांस फैट: ये कुछ जानवरों के मांस और डेयरी उत्पादों में पाए जाते हैं, जैसे कि भेड़, गाय, और कुछ दूध उत्पाद।
  2. कृत्रिम ट्रांस फैट: ये आंशिक हाइड्रोजनीकरण नामक एक औद्योगिक प्रक्रिया से बनते हैं। इस प्रक्रिया में, वनस्पति तेल में हाइड्रोजन गैस प्रवेश की जाती है, जिससे तेल ठोस हो जाता है.

2-ट्रांस फैट क्यों है हानिकारक?

  • हृदय रोग का खतरा बढ़ाता है: ट्रांस फैट LDL (“खराब”) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है और HDL (“अच्छा”) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। इससे रक्त वाहिकाओं में रुकावट हो सकती है, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
  • मोटापे का खतरा बढ़ाता है: ट्रांस फैट पेट के आसपास वसा को जमा करने में योगदान देता है, जिससे मोटापे का खतरा बढ़ जाता है।
  • मधुमेह का खतरा बढ़ाता है: ट्रांस फैट इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ा सकता है, जिससे मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है।
  • कैंसर का खतरा बढ़ाता है: कुछ अध्ययनों से पता चला है कि ट्रांस फैट कुछ प्रकार के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है, जैसे कि स्तन कैंसर और कोलन कैंसर।

3-ट्रांस फैट कहाँ पाए जाते हैं?

  • , जैसे कि बिस्कुट, केक, पेस्ट्री, फ्रोजन फ्रेंच फ्राइज़, पिज्जा, डोनट्स, माइक्रोवेव पॉपकॉर्न, आइसक्रीम, और कुछ प्रकार के मक्खन।
  • तले हुए खाद्य पदार्थ: जैसे कि समोसे, कचौड़ी, पकौड़े, और चिप्स।
  • फास्ट फूड: जैसे कि बर्गर, फ्राइज़, और पिज्जा।
  • कुछ प्रकार के नकली मक्खन और क्रीमर: जो हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल से बने होते हैं।

4-ट्रांस फैट की मात्रा की पहचान कैसे करें?

  • खाद्य लेबल: खाद्य लेबल पर “हाइड्रोजनीकृत तेल” या “आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत तेल” की तलाश करें।
  • “कोई ट्रांस फैट नहीं” लेबल: यह सुनिश्चित करें कि लेबल पर “कोई ट्रांस फैट नहीं” लिखा है।
  • प्रति सेवारत ग्राम में ट्रांस फैट की मात्रा: यह जानने के लिए कि एक उत्पाद में कितना ट्रांस फैट है, प्रति सेवारत ग्राम में ट्रांस फैट की मात्रा देखें।

5ट्रांस फैट के विकल्प क्या है ?

6-विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और FSSAI

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2023 तक वैश्विक स्तर पर खाद्य पदार्थों में ट्रांस फैट को 5% तक कम करने का लक्ष्य रखा है।
  • भारत में, खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने 2018 में पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में ट्रांस फैट की मात्रा को 2% तक सीमित करने का नियम लागू किया।

7चिकित्सक और आहार विसेशग्य से भी सलाह लें.

  • ट्रांस फैट के सेवन को कम करने से हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।
  • यदि आपको हृदय रोग, मधुमेह, या अन्य स्वास्थ्य स्थिति है, तो अपने आहार में ट्रांस फैट की मात्रा को कम करने के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
  • आप एक पंजीकृत आहार विशेषज्ञ से भी सलाह ले सकते हैं कि आप अपने आहार से ट्रांस फैट को कैसे कम कर सकते हैं और एक स्वस्थ जीवनशैली अपना सकते हैं।

8ट्रांस फैट से बचाव कैसे करें?

  • पैकेज्ड और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें: इन खाद्य पदार्थों के लेबल पर पोषण संबंधी जानकारी पढ़ें और ट्रांस फैट की मात्रा पर ध्यान दें।
  • घर पर खाना बनाना ज़्यादा पसंद करें: इससे आप यह नियंत्रित कर सकते हैं कि आपके भोजन में कौन से तेल और वसा का उपयोग किया जाता है।
  • स्वस्थ वसा चुनें: जैसे कि मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड वसा जो मछली, नट्स, बीज, और जैतून के तेल में पाए जाते हैं।
  • कम वसा वाले या वसा रहित डेयरी उत्पाद चुनें: जैसे कि दूध, दही, और पनीर।
  • तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें: इनकी जगह बेक किए गए, उबले हुए, या ग्रिल किए हुए खाद्य पदार्थों का चुनाव करें।
  • फास्ट फूड का सेवन कम से कम करें या न करें: इनमें अक्सर ट्रांस फैट की मात्रा अधिक होती

9-अंतिम बात

ट्रांस फैट हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इनसे बचने के लिए, पैकेज्ड और processed फूड का प्रयोग कम से कम करें. tunesharemore_vert ईस लेख को लिखने मे गूगल जेमिनी ai की सहायता लि गई है , उन्हे धन्यवाद । sctri48 Satish Tripathi

Author: sctri48
मैं डाक्टर हूं ,रेडियोलॉजिस्ट। Mera hindi me blog में मेरी रुचि ब्लाग व रिव्यू लिखने में है। मैं मुख्य रूप से यात्रा ,स्वास्थ्य,जीवन ,शैली मोटिवेशन और विविध विषयों पर लिखता हू। मैं ट्रिपएडवाइजर, गूगल मैप कोरा फोरम पर भी लिखता रहता हू। इसके अलावा गाने में भी मेरी रुचि है। इसके अलावा मैं अंग्रेजी में भी लिखता हूं । My websites are www.travelprolife.com and www.blogsatish.com।

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